सन्तोष शाह
कही रुद्रपुर नकली शराब व कच्ची का केंद्र तो नही बन रहा
रुद्रपुर देवरिया - कई शराबियों कहा है कि',प्यासे को पानी शेर को मांस और नशेड़ी को क्या शराब का एक गिलास 'पर इससे उलट किसी शायर ने कहा है कि,खाली बोतले ले जाने वालो वालो ने बगले बना लिए और बोतल खाली करने वालो ने अपनी पुश्तैनी जमीने तक बेच दी,' रुद्रपुर क्षेत्र में कभी नदी किनारे कच्ची शराब की मिनी फैक्टरी तो कभी मुर्गी फार्म में से सैकडों पेटिया नकली हरियाणा ब्रांड की अंग्रेजी शराब की बरामदी बहुत कुछ कहती है ।
कोइलगढहा व उससे सटे कई टोलो में कई वर्षों से कच्ची दारू की भट्टियां सुलगती है प्रशासन जरूर छापेमारी करती है फिर भी ये भट्टियां किसके सह फिर चालू हो जाती है ।इस कच्ची के चक्कर मे कुछ को रोजी मिल जाती है तो कइयों के घर के चिराग तक बुझ जाते है और कई तो जिन्दगी व मौत के अधर में लटके अपना सब कुछ गवा देते है ।कुछ लोगों को पीने का इतना शौक है कि दिन और रात उतरने से साथ चढ़नी शुरू हो जाती है पर इनके परिजनों क्या गुजरती है महिलाओं से पूछने पर पता चला कि कई महिला असमय ही अपने सुहाग खो बैठती है तो कई अपने घरों के चिराग ।हर साल रुद्रपुर क्षेत्र में कच्ची के चक्कर मे दर्जनों लोगो की मौत हो गयी है । लाखो रुपये की शराब की बरामदगी में किसी बड़े माफिया का हाथ हो सकता है जो अपने लक्झरी गाड़ियों से माल इधर उधर सप्लाई करता है ।मामूली आदमी के वश की बात नही की लाखों के माल लाकर सप्लाई करे ।मुख्य आरोपी अक्सर हर मौके पर से फरार ही रहते है ।हथियारो की फैक्टरी भी दो चार दिन में नही बैठती दर्जनों अर्धनिर्मित हथियार भी कईं सवाल खड़े करते है ।कोइलगढहा गांव कुर्ना नाले के समीप है जो शराब कारोबारी के हिसाब से मनमुताबिक है ।नदियों में खेत मे गड़े ड्रमों के कच्ची दारू बहुत कुछ बया करते है तो रामलक्षन क्षेत्र भी इससे अछूता नही जहाँ लगभग हर समय अवैध शराब की छापेमारी होती है । कुछ भी हो पर अभी बड़े माफिया पुलिस के पकड़ से काफी दूर है और पुलिस छोटी मछलियों को पकड़ कर ही शान में है ।
कही रुद्रपुर नकली शराब व कच्ची का केंद्र तो नही बन रहा
रुद्रपुर देवरिया - कई शराबियों कहा है कि',प्यासे को पानी शेर को मांस और नशेड़ी को क्या शराब का एक गिलास 'पर इससे उलट किसी शायर ने कहा है कि,खाली बोतले ले जाने वालो वालो ने बगले बना लिए और बोतल खाली करने वालो ने अपनी पुश्तैनी जमीने तक बेच दी,' रुद्रपुर क्षेत्र में कभी नदी किनारे कच्ची शराब की मिनी फैक्टरी तो कभी मुर्गी फार्म में से सैकडों पेटिया नकली हरियाणा ब्रांड की अंग्रेजी शराब की बरामदी बहुत कुछ कहती है ।
कोइलगढहा व उससे सटे कई टोलो में कई वर्षों से कच्ची दारू की भट्टियां सुलगती है प्रशासन जरूर छापेमारी करती है फिर भी ये भट्टियां किसके सह फिर चालू हो जाती है ।इस कच्ची के चक्कर मे कुछ को रोजी मिल जाती है तो कइयों के घर के चिराग तक बुझ जाते है और कई तो जिन्दगी व मौत के अधर में लटके अपना सब कुछ गवा देते है ।कुछ लोगों को पीने का इतना शौक है कि दिन और रात उतरने से साथ चढ़नी शुरू हो जाती है पर इनके परिजनों क्या गुजरती है महिलाओं से पूछने पर पता चला कि कई महिला असमय ही अपने सुहाग खो बैठती है तो कई अपने घरों के चिराग ।हर साल रुद्रपुर क्षेत्र में कच्ची के चक्कर मे दर्जनों लोगो की मौत हो गयी है । लाखो रुपये की शराब की बरामदगी में किसी बड़े माफिया का हाथ हो सकता है जो अपने लक्झरी गाड़ियों से माल इधर उधर सप्लाई करता है ।मामूली आदमी के वश की बात नही की लाखों के माल लाकर सप्लाई करे ।मुख्य आरोपी अक्सर हर मौके पर से फरार ही रहते है ।हथियारो की फैक्टरी भी दो चार दिन में नही बैठती दर्जनों अर्धनिर्मित हथियार भी कईं सवाल खड़े करते है ।कोइलगढहा गांव कुर्ना नाले के समीप है जो शराब कारोबारी के हिसाब से मनमुताबिक है ।नदियों में खेत मे गड़े ड्रमों के कच्ची दारू बहुत कुछ बया करते है तो रामलक्षन क्षेत्र भी इससे अछूता नही जहाँ लगभग हर समय अवैध शराब की छापेमारी होती है । कुछ भी हो पर अभी बड़े माफिया पुलिस के पकड़ से काफी दूर है और पुलिस छोटी मछलियों को पकड़ कर ही शान में है ।


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