बांसगांव संसदीय क्षेत्र के रुद्रपुर में सिर्फ चुनावो में रेल का सपना परवान चढ़ता है पर चुनाव बीतते सपना चकनाचूर हो जाता है ।रुद्रपुर को छोड़ देवरिया जिले के सभी विधानसभा क्षेत्र रेल लाईन से जुड़ चुके है ।केंद्र में जब जनता दल की सरकार बनी तो तत्कालीन रेल राज्य मंत्री जनेश्वर मिश्र ने रुद्रपुर में रेल की आश जगाई थी ।उनकी इस पहल पर रेल मंत्रालय की ओर से रूद्रपुर को बरहज और गौरीबाजार से जोड़ने के लिए सर्वे कराया गया ।
लेकिन रेल बजट में रुद्रपुर को रेल लाइन से जोड़ने का मामला छूट गया ।1989 के लोकसभा चुनाव में रेल का मुद्दा काफी जोर शोर के साथ उठा था ।उस समय भाजपा के उम्मीदवार ई.मदन गोविंद रॉय ने रुद्रपुर को रेल लाईन से जोड़ने का वादा किया था ।रॉय के इस मुद्दे को देख कई दलों के प्रत्याशियों ने इस मुद्दे को खूब भुनाया ।1989 से लेकर हर चुनावो में यह मुद्दा सिर्फ चुनावी मंचो तक सीमित रहा ।2007 के विधानसभा चुनाव में भी रुद्रपुर में रेल का मुद्दा काफी तेजी पकड़ा था तब भारत सरकार के तत्कालीन रेलमंत्री राजद के प्रत्याशी स्व.मुक्तिनाथ यादव की सभा मे रेल चलवाने का वादा किये थे ।लालू की लालटेन जलेंगी रुद्रपुर में रेल चलेंगी का नारा पूरे चुनाव में समर्थक लगाते रहे ।2009 में इस मुद्दे को कांग्रेस प्रत्याशी स्व.महावीर प्रसाद ने हाइजेक कर लिया ।वह हर चुनावी सभा मे रेल दौड़ाना नही भूलते पर अभी भी कागजो में रेल दौड़ रही है ।रुद्रपुर में नेताओ ने 22सालो से हर चुनावो में रेल दौड़ाई पर दौड़ेगी कब हकीकत में किसी ने नही बताया ।बांसगांव संसदीय चुनाव में भी हर चुनावो में रेल दौड़ती है ।व्यापारियों,छात्रों से लेकर हर वर्ग के लिए रेल एक नया मार्ग साबित होता है साथ ही तरक्की के कई विकल्प खुले होते है । बांसगांव सांसद कमलेश पासवान से लेकर कई लोगो ने इस मुद्दे को ऊपर तक पहुचाया पर अभी भी किसी की ठोस पहल का इंतजार है की कब रूद्रपुर क्षेत्रवासियों को ट्रेन की धुन सुनाई देगी ।

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