ईरिक्शा नाबालिग चालको को पूछने वाला कोई नही,मिला नाबालिगों को रोजगार 
सन्तोष शाह 
रुद्रपुर देवरिया-पढ़ने लिखने की उम्र मे कॉपी किताब की जगह ईरिक्शा चलाते लगभग 12 साल तक के बच्चे हाथो में हैंडिल सम्भाले दर्जनों सवारियों को बैठा कर चलते है जहाँ सवारियों के साथ साथ सड़क पर चल रहे राहगीरों को भी जान का खतरा है इनके पास न गाड़ी का रजिस्ट्रेशन का कागज न ही ड्राइवर लाइसेंस है ।ये नाबालिग ईरिक्शा चालक रुद्रपुर के साथ कई शहरों गांवो में फर्राटे से चला रहे है ।इनसे कब कहा दुर्घटना हो जाये कोई गारंटी नही फिर भी सवारियों का ईरिक्शा में बैठना मजबुरी है या कुछ और । ये यातायात नियमों ठेंगा दिखा सरकार को राजस्व के साथ आमजनों के जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे ।इन ईरिक्शा चालको को पुलिस जांच पड़ताल नही करती जबकि दोपहिया चालको को वाहन चेकिंग के नाम पर सब कुछ रहने के बाद भी परेशान होना पड़ता है ।जबसे यह बैटरी चलित ईरिक्शा चल रहे है इससे एमबी एक्ट में शामिल नही किया गया बिजली से चार्ज हो चलने के कारण कई दुकानदारों ने इसका फायदा उठाया व इसकी खूब बिक्री हुई कम खर्च होने के कारण ऑटो से ज्यादा बैटरी चलित रिक्शा सड़को पर दौड़ने लगे ।




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