सन्तोष शाह 

स्कूल बैग के बोझ से दबा बचपन 

     तीन साल तक के बच्चे उठा रहे है पांच किलो का वजन
रुद्रपुर देवरिया - स्कूल बैंग के बोझ के नीचे मासूम बच्चों का बचपन बर्बाद हो रहा है ।
अंग्रेजी माध्यम की सीबीएसईं पाठ्यक्रम के नाम पर इंग्लिश स्कुल अभिवावकों का मनमाना शोषण करने में जुट गए है यूपी में इंग्लिश स्कूलों की फीस व मानिरिटिंग सिर्फ व सिर्फ बयानबाजी में सिमट कर रह गयी है ।
यूपी सरकार ने गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया था व कई स्कूलो में तो ताले भी लगे पर शिक्षण सत्र शुरू होते ही ताले निकल गये ।तमाम फरमानों के बीच रुद्रपुर क्षेत्र में बिना मान्यता कई दर्जन स्कूल बिना रोक के चल रही है ये इंग्लिश स्कूल फीस के नाम भारी भरकम रुपया वसूलने के चक्कर मे बच्चों पर किताबो का भार बढ़ाते जाते है आलम ये है कि तीन वर्ष में ही बच्चों का एलकेजी में प्रवेश हो जाता है एलकेजी का पाठ्यक्रम कक्षा पांच से बड़ा है यहाँ एक विषय की तीन से चार पुस्तकें व उतनी ही कापियां खरीदनी पड़ती है बैग में पानी, टिफ़िन,आदि बोझ बढ़ता ही जाता है छोटे छोटे नौनिहालों को खेलने कूदने की उम्र में कॉन्वेंट स्कूलों की चकाचौंध में अभिवावक आर्थिक बोझ ढो रहे है तो बच्चो को शारिरिक व मानसिक दबाव झेलना पड़ रहा है गौरतलब है कि किताबो के प्रकाशन की सस्ती किताबो को स्कुल के कैम्पस में भारी दामो में बेचा जाता है इन स्कूलों से मिलने वाली किताबो की सूची स्कूल द्वारा निर्देशित दुकान से ही खरीदनी होती है या स्कूल में उपलब्ध होती है ।



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