कमलेश कश्यप पत्रकार
मदनपुर
पवित्र सावन माह में सजा दूसरी काशी
शिवभक्तों का प्रिय महीनारुद्रपुर देवरिया - देवरिया जिले से 21कि.मी की दूरी पर स्तिथ रुद्रपुर नगर सतासी स्टेट राज घराने के साथ-साथ धार्मिक दृष्टि बहुत महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है ।रुद्रपुर में दुधेश्वर नाथ जी मन्दिर है जहाँ भगवान शिव का उपज्योतिलिंग भूगर्भ से उत्पन्न हुआ है जिन्हें स्वम्भू व दूसरी काशी भी कहा जाता है ।यहाँ पर महाशिवरात्रि,पुरुषोत्तम मास,दशहरा एव पवित्र सावन में भव्य मेला लगता है । जहाँ देश भर से व अन्य राज्यो से लाखों शिवभक्त प्रतिवर्ष दर्शन के लिए आते है पवित्र सावन महीने में कावड़िया भक्तो का जल चढ़ाने का तांता पूरे सावन लगा रहता है।जहाँ भक्तगण बरहज से गंगा जल लेकर पैदल लेकर शिव को जल चढ़ाते व मनाते है ।इस पावन माह में भोलेदानी की महिमा अपरम्पार होती है बेलपत्र,भाग,गंगा जल आदि से नीलकंठ को मनाते है यहाँ पर देश के कई पूर्व प्रधानमंत्री,मुख्यमंत्री व जाने माने लोगो ने आकर जलाभिषेक मन्दिर में किया है |
इस मंदिर का उल्लेख पद्द्म पुराण,स्कंद पुराण, शिवपुराण में भी है कहा जाता है कि उज्जैन के महाकालेश्वर के बाद उपज्योतिर्लिंग की स्थापना में प्रथम स्थान दुधेश्वर नाथ का है यह महाकालेश्वर का उपलिंग है ।इसका उल्लेख चीनी यात्री हेनसांग,लार्ड कार्डइल अकेले गोरखपुर दर्पण में किया है ।उपज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए लगभग दर्जन भर सीढिया उतर कर नीचे जाना होता है ।इतिहासकारो के अनुसार 332 वर्ष पुराना शिवलिंग है ।
कई विद्वानों का कहना है इनके पूजन अर्चन व जल चढ़ाने से सभी दोषो का निवारण होता है ।यहाँ पर लगभग हर समय पूजा पाठ,महामृत्युंजय जाप,कथा, आदि शुभ कामो से मन्दिर परिसर में भीड़ रहती है । त्र्यम्बकेश्वर नाथ के रुद्रपुर में भोलेनाथ का शिवलिंग धरातल से करीब 15 फिट नीचे है कई जानकर लोग कहते है इसकी गहराई पाताल तक है ।मन्दिर परिसर के सटे पीछे पोखरे में तो गुप्त सुरंग भी थी जो बताते हैं कि राजा इसे गुप्त रूप से कही आने जाने में उपयोग होता था पर इस समय यह अपने अस्तित्व को खो चुका है ।मन्दिर परिसर में राधा कृष्ण,हनुमान जी,विष्णु जी सहित दर्जनों देवी देवताओं की मनमोहक मुर्तिया श्रदालुओ को आकर्षित करती है ।परिसर में ही दो पोखरियो के सुन्दरीकरण शाम को भी भीड़ लगी रहती है । नाथ बाबा मन्दिर इस समय सुन्दरीकरण से सुंदर हो चुका है । भोलेदानी लाखो श्रदालुओ का आस्था,विश्वास व श्रदा का केंद्र बन कर उनके दुखों का निवारण करते है ।मन्दिर के महन्थ रमाशंकर भारती व विजय शंकर भारती ने बताया कि सावन माह में महाकाल दर्शन का विशेष महत्त्व होता है इस माह पूजन व जलाभिषेक से भोलेदानी की कृपा से भक्तों को विशेष पूण्य का लाभ मिलता है ।






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